रिपोर्ट : राहुल बहल
बाढ़वाला में दिनदहाड़े हैवी मशीनों से किया जा रहा बेतरतीब खनन कार्य और देर रात सड़कों पर दौड़ रहे सैकड़ों ओवरलोड डंपर खनन विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खोल रहे हैं। दिल्ली यमुनोत्री हाइवे से लेकर पूरा लांघारोड उसके बाद दून पौंटा हाइवे पर रात का नजारा बेहद भयावह है। हैरानी की बात यह है कि सड़कों पर मौत बनकर दौड़ते इन डंपरों पर संबंधित विभागों का कोई अंकुश नहीं है। रात में इन डंपरों का सड़क पर राज कायम हो जाता है। गंतव्य तक पहुंचने की होड़ में कई बार यह डंपर दूसरे डंपरों को खतरनाक तरीके से ओवरटेक करते हैं। जिस कारण हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। इन डंपरों की वजह से क्षेत्र में लगातार हादसे हो रहे हैं जिनमें कई मौको पर लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जानकारी के अनुसार खनन विभाग ने बाढ़वाला में एक पट्टा स्वीकृत किया हुआ है। जहां खुलेआम खनन नियमावली को ताक पर रखकर हैवी हाइड्रोलिक मशीनों से दिनदहाड़े यमुना नदी का सीना चीरा जा रहा है, इस बात पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे इस खनन पट्टे पर इतनी हैवी मशीनें काम कर रही हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि अधिकांश वाहन ओवरलोड होते हैं, तस्वीरें भी इसकी तस्दीक कर रही हैं, जो रात होते ही लांघा रोड से होते हुए कैंचीवाला में स्थित क्रेशर प्लांटस् तक पहुंचते हैं, कमाल की बात यह है कि बाड़वाला से कैंचीवाला तक के इस खेल में खनन विभाग ही नहीं पुरा प्रशासनिक तंत्र नतमस्तक दिखाई दे रहा है, ऐसा कैसे हो सकता है कि खुल्लम खुल्ला चल रहा ये गोरखधंदा किसी को दिखाई नहीं दे रहा है, ऐसा प्रतीत होता है जैसे नियम विरुद्ध चल रहे खनन के इस खेल को खनन विभाग ने मौन स्वीकृति प्रदान की हुई है। जिसका परिणाम यह है कि जेसीबी, एचएम और बुल्स ट्रैक्टरों से बहुत गहराई तक नदी को खोदा जा रहा है, लेकिन खनन कार्यों की निगरानी रखने वाले खनन विभाग के अधिकारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं या यूं कहे कि अधिकारियों ने जानबूझकर आँखों पर पट्टी बाँधी हुई है, निश्चित तौर पर ऐसी गतिविधियों से सरकार की छवी को भी धूमिल किया जा रहा है।
