रिपोर्ट : राहुल बहल
एक दिन पहले ही एक पत्रकार साथी ने जब एक खनन अधिकारी को अवैध खनन के संबंध में फोन किया तो जवाब में दावा किया गया कि यमुना नदी के आसपास खनन संबंधी कहीं एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है इतनी सख्ती इस वक़्त चल रही है। लेकिन इस वीडियो को देखकर आप समझोगे कि प्रशासन के अवैध खनन पर अंकुश लगाये जाने के दावे कितने खोखले हैं।
दरअसल दावा किया जा रहा था कि शक्ति नहर के पुलों से खनन सामग्री के भारी भरकम वाहन अब नहीं गुजर सकेंगे इस संबंध में पुलों पर रोकथाम के कुछ उपाय भी किये गये लेकिन क्या हालात हैं वह आप देख सकते हैं। ये मामला ढकरानी का बताया जा रहा है जहाँ यमुना नदी से और वहाँ लगे क्रशर प्लांटस् से अवैध रूप से भारी मात्रा में खनिज सामग्री को कोर्ट के पास वाले जर्जर पुल से निकाला जा रहा था।
रात के अंधेरे में जब तमाम ट्रैक्टर खनन कार्य में जुटते हैं तो निश्चित ही ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो जाता है और जब ग्रामीणों की नींद दूभर हुई तो उन्होंने एक बार फिर खुद ही मोर्चा संभाल लिया, ग्रामीणों ने सभी ट्रैक्टर ट्राली को वहाँ रूकवा दिया है जिसके बाद मौके पर हंगामा हो गया है। ट्रैक्टर चालक भी जबरन अपने वाहन वहाँ से निकालने को उतारू रहे और स्थिति तनावपूर्ण बनी रही हालांकि बहुत से ट्रैक्टर ग्रामीणों के मौके पर पहुँचने से पहले ही कोर्ट रोड वाले जर्जर पुल से निकल चुके थे।
ये सब हाल तब हैं जब पूर्ण रूप से इस वक़्त यमुना नदी में खनन कार्य प्रतिबंधित है लिहाजा सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है।
