रिपोर्ट : राहुल बहल
इन दिनों विकासनगर में शक्ति नहर पर स्थित पुलों से भारी वाहनों को सिस्टम द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। ताकि कुल्हाल, ढालीपुर, ढकरानी, भीमावाला, डाकपत्थर में खनिज से लदे भारी भरकम डंफर इन पुलों से ना गुजर सकें और विद्युत परियोजनाओं से जुड़े इन पुलों को कोई नुकसान ना पहुँच सके। बावजूद इसके ढालीपुर ढकरानी से हर्बटपुर चौक होते हुए रात भर सैकड़ों डंफर देहरादून की ओर जा रहे हैं।
तस्वीरें राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहसपुर के आसपास क्षेत्र की हैं जिनमें आप स्पष्ट देख सकते हैं कि विभिन्न प्रकार के खनिज से लदे डंफर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सवाल यह कि जब पुलों से डंफर प्रतिबंधित हैं तो ये डंफर खनिज लेकर आ कहां से रहे हैं क्योंकि किसी भी स्थिति में यमुना नदी या वहाँ स्थापित क्रशर प्लांटस् से खनिज लादकर ये तमाम डंफर पुलों को पार किये बिना देहरादून की ओर नहीं जा सकते।
वहीं अगर ये डंफर पौंटा हिमाचल प्रदेश से खनिज लेकर उत्तराखण्ड में आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में तो बहुत बड़े स्तर पर बड़े खेल को अंजाम दिया जा रहा है, हालांकि हिमाचल प्रदेश से आते हुए भी इन सभी डंफरों को शक्ति नहर के पुलों से ही गुजरना होगा, मतलब साफ है कि विकासनगर में रात के अंधेरे में बड़ा खेल खनन को लेकर खेला जा रहा है।
हालांकि संबंधित विभाग अवैध खनन पर अंकुश के लिये रातों को गश्त भी कर रहे हैं और सभी डंफरों के खनन संबंधी कागजात भी चैक किये जा रहे हैं लेकिन चैक होना क्या चाहिए और चैक हो क्या रहा है ये सभी को पता है। इस पूरे खेल में निश्चित ही नीचे से उपर तक बहुत से खास लोग शामिल होंगे और ये खास लोग सरकार को अंधेरे में रखकर अपनी जेबें गरम कर रहे हैं।
