रिपोर्ट : राहुल बहल
अपनी अनूठी लोक संस्कृति के लिये पहचाने जाने वाले जौनसार बावर में पांच दिवसीय प्रसिद्ध बिस्सू पर्व की “फूलियात” के साथ शुरुआत हो गई है। दरअसल बैसाखी के मौके पर शुरू होने वाले बिस्सू पर्व का विशेष महत्व होता है जिसे जौनसार बावर के तमाम गाँवो में परंपरागत रूप से मनाया जाता है। जिसमें बुरांश के मनमोहक फूलों के झुरमुट बनाकर लोक गीतों पर सामूहिक लोक नृत्य किया जाता है साथ ही खुशहाली का प्रतीक माने जाने वाले बुरांश के फूलों से घर को सजाया जाता है। पारंपरिक बिस्सू को पांचों दिन अलग अलग तौर तरीकों के साथ मनाया जाता है। क्योंकि इन दिनों चालदा महासू महाराज दसऊ गाँव में विराजमान हैं तो वहाँ का बिस्सू की फुलियात का तो अद्भुत ही नज़ारा देखने को मिला। इस दौरान कुछ स्थानों पर धनुष बाण के साथ परंपरागत ठोड़ा नृत्य भी देखने को मिला जिसमें बहुत से युवाओं ने प्रतिभाग किया।
