रिपोर्ट : राहुल बहल
कहते हैं तस्वीरें झूठ नहीं बोलती और ये बात हमेशा सौ टका सच ही साबित हुई हैं। यह तस्वीरें डाक्टर गंज (पुल नंबर एक) की हैं। जहां 24 घंटे खनन सामग्री से लदी ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां गांव के मुख्य मार्ग पर दौड़ रही हैं, जिससे सड़क के परखच्चे उड़ गये हैं। सालों से खनन के वाहनों के कारण इस सड़क की यही दुर्दशा बनी हुई है और कोई देखने सुनने वाला नहीं है। हालांकि कुछ दिन पूर्व ही लोनिवि ने यहाँ सड़क पर गड्ढे भराए थे, लेकिन दोबारा से ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियों के कारण सड़क फिर से तालाब बन गई है। ऐसे में इस सड़क पर स्थानीय लोगों की राह बड़ी कठिन हो चली है। कमाल की बात यह कि भाजपा, कांग्रेस दोनों ही इस सड़क को लेकर चुप्पी साधे रहते हैं, मानों दोनों ही दलों की खनन व्यापारीयों को मौन स्वीकृति प्रदान हो, जबकि इस क्षेत्र में आम इंसान का खनन कार्य के चलते जीना दूभर हो गया है, दरअसल, आबादी के बीचों बीच यह सड़क गुजरती है, जिस पर पूरी तरह से खनन व्यपारियों का कब्ज़ा है, इस सड़क पर 24 घंटे चलने वाले सैकड़ों ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियों की धमाचौकड़ी से सड़क का तो सत्यानाश हो गया है। जनता का सुख चैन भी छिन गया है। इतना ही नहीं यातायात की दृष्टि से भी पुल नंबर एक अतिसंवेदनशील चौक माना जाता है, जहाँ हमेशा सड़क हादसों का भय बना रहता है। हाल ही में एक ट्रैक्टर ट्राली द्वारा ई- रिक्शा और बाइक को टक्कर मारने का CCTV विडियो भी जमकर वायरल हुआ था।
विचारणीय है कि इन हालातों पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कुछ माह पूर्व कहा था कि नदियाँ चोरों से भरी पड़ी हैं। इतना ही नहीं इस इलाक़े में खुद विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने एक ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली को अवैध खनन करते रंगे हाथ पकड़ लिया था। जिसके बाद पूरे सिस्टम में हड़कंप मच गया था। जिसका असर ये हुआ कि कुछ दिनों तक तो खनन कार्य बंद रहा, लेकिन अब पुनः वही हालात यहाँ दिखाई दे रहे हैं। हैरानी की बात यह की खनन विभाग यहाँ झांकने तक की जहमत नहीं उठा रहा है।
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट के आदेश की भी खुलेआम अवहेलना की जा रही है। ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां खुल्लम खुल्ला नंबर एक पुल से गुजर रही हैं, जबकि हाईकोर्ट ने शक्ति नहर के पुलों पर से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई हुई है, लेकिन जिम्मेदार विभागों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है, जबकि जन संघर्ष मोर्चा द्वारा उठाया गया शक्ति नहर के पुलों की सुरक्षा को लेकर जनहित का मामला न्यायालय में लंबित चल रहा है, लेकिन संबंधित विभागों की आँखों पर बंधी पट्टी नहीं खुल रही है। बता दें की पूर्व में भी नवाबगढ़ पुल नंबर 1 का पुल ढह गया था, जिसके पुनः निर्माण में कई वर्ष लग गए थे। ऐसे में खनन के इस खेल से पुल को फिर खतरा उत्पन्न हो गया है।
