रिपोर्ट : राहुल बहल
तस्वीरों में विधायक जी भले ही मुस्कुरा रहे हों लेकिन आज मन अत्यंत व्यथित होगा और हो भी क्यों ना क्योंकि जवाब आपको ही देना है। ये वो वक़्त है जब मुखिया की साख और क्षमता पर सवाल उठना लाज़िमी है। आज भाजपा द्वारा सहसपुर ब्लॉक का हार जाना और सहसपुर में जिला पंचायत के निराशाजनक परिणाम एवं इससे पहले निकाय चुनाव में सेलाकुई नगर पंचायत को बुरी तरह से गंवा देने का क्रम कहीं ना कहीं अब नेतृत्व क्षमता पर ही सवाल खड़े करेगा। वैसे निकाय चुनाव एवं पंचायत चुनाव वो गतिविधियां हैं जिनसे भविष्य की दशा और दिशा तय होती है, लेकिन सहसपुर में विचित्र बात यह है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा सालों से बंपर वोटों से सहसपुर सीट पर विजय हासिल करती आ रही है वहीं पंचायत और निकायों में भाजपा सहसपुर में चारों खाने चित हो रही है। हैरानी की बात यह है कि जबसे सहसपुर ब्लॉक अस्तित्व में आया तब से आज तक यहाँ भाजपा का ब्लॉक प्रमुख नहीं बन पाया हालांकि इस बार भाजपा जीत के बेहद नजदीक रही। ये विडंबना ही है कि सहसपुर सीट पर सहदेव सिंह पुंडिर तीन बार से लगातार विधायक हैं और इससे पहले राजकुमार भी यहाँ भाजपा के विधायक रह चुके हैं और सबसे कमाल कि बात यह कि राज्य मंत्री भुवन विक्रम डबराल, भाजपा प्रवक्ता नवीन ठाकुर एवं जिला अध्यक्ष मिता सिंह जैसे प्रभावशाली भाजपा नेता भी सहसपुर सीट के ही रहने वाले हैं बावजूद इसके भाजपा सहसपुर ब्लॉक नहीं जीत पा रही ऐसे में भाजपा के लिये निश्चित ही निकट भविष्य का समय मंथन का होगा।
