रिपोर्ट : राहुल बहल
विकासनगर के ढालीपुर ढकरानी में एक दो दिन की सख्ती के बाद अवैध खनन का दोबारा से फिर वही नंगा नाच शुरू हो गया है। अवैध खनन के इस गोरखधंधे में जिला खान विभाग की करतूत स्वतः ही उजागर हो रही है। वैसे खबर में ज्यादा कुछ बताने कहने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये विजुअल विकासनगर में अवैध खनन की पोल पट्टी को बखूबी खोल रहे हैं।
आप देख सकते हैं रात के अँधेरे में पौंटा रोड एवं शक्ति नहर पर स्थित अन्य जर्जर पुलों से ओवरलोड डंफर और ट्रैक्टर ट्राली कैसे उछाले भर रहे हैं। जबकि इन पुलों से भारी वाहनों की आवाजाही को खतरनाक मानते हुए न्यायालय द्वारा इन पुलों से भारी वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है, जिसके लिये सुरक्षा कर्मचारियों को भी यहाँ तैनात किया गया है,
अस्थायी पुलिस पिकेट यहाँ स्थापित की गई है, बड़े बड़े नोटिस बोर्ड यहाँ लगाये गये हैं, इन पुलों के मुहाने पर सड़क पर गाटर गाड़े गये हैं, बावजूद इसके वास्तविकता क्या है वो सबके सामने है ऐसी स्थिति में कभी भी ये पुल खनन के वाहनों की धींगामुश्ती से धराशायी हो सकते हैं। डंके की चोट पर यहाँ न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है, रात भर ढालीपुर ढकरानी से उपखनिज से लदे ये वाहन देहरादून की ओर दौड़ रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ स्थानों पर ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से यमुना नदी के पास स्थापित क्रेशर प्लांटस् से विभिन्न प्रकार का उपखनिज शक्ति नहर को पार कराकर विभिन्न जगहों पर भंडारित किया जा रहा है जिसके बाद रात के अंधेरे में JCB से डंफरों में ये उपखनिज भरा जाता है।
सूत्रों की मानें तो अवैध खनन के इस खेल में चोरी चकारी और ओवरलोड के अलावा रवन्ना और रॉयल्टी में भी तगड़ा झोल झाल किया जा रहा है? ऐसे में कार्यवाही तो बहुत दूर की बात है जिला खान विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग औपचारिक निरिक्षण तक की जहमत नहीं उठा रहे हैं? हालांकि अवैध खनन पर रोकथाम और शत प्रतिशत राजस्व वसूली के लिये सरकार द्वारा बाहरी प्रदेश से यहाँ थोपी गई एक कंपनी के लोग इन वाहनों की जाँच पड़ताल जरूर करते हैं लेकिन जग जाहिर है कि उस कंपनी के लोग क्या गुल पछवादून की सड़कों पर खिला रहे हैं? निश्चित ही अवैध खनन के इस खेल में खनन कारोबारीयों को किसी प्रभावशाली धड़े का विशेष संरक्षण प्राप्त है लिहाजा हर समस्या को मैनेज किया गया है और खुल्लम खुल्ला इतनी बड़ी गतिविधि को अंजाम दिया जा रहा है? संभवतः इसलिए ही अवैध खनन के इस मंच पर जिला खान विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग कुंभकरण की भूमिका में नजर आ रहे हैं? इतना ही नहीं मामले में ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे सरकार में भी उच्च स्तर पर सभी को गुमराह किया जा रहा है संभवतः मुख्य मंत्री तक भी सत्यता को पहुँचने से रोका जा रहा है, ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि षड्यंत्रीयों द्वारा लाखों करोड़ों के वारे न्यारे करने के साथ ही कहीं सरकार की छवि को धूमिल करने के लिये भी तो ये खेल नहीं खेला जा रहा है?
