रिपोर्ट : राहुल बहल
लोकसभा में पूर्व मुख्य मंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र रावत के संबोधन के बाद इन दिनों भले ही देहरादून से दिल्ली तक राजनैतिक गलियारों में अवैध खनन के ही चर्चे हो रहे हों, जिस पर एक बड़ा राजनैतिक अखाड़ा भी अब जुड़ता दिख रहा है, निश्चित ही ये मामला अब आसानी से शांत होने वाला नहीं है, अवैध खनन पर हंगामा बरपना लाजिमी भी है, हम बात सिर्फ देहरादून जिले में हो रहे खनन कार्यों की कर रहे हैं क्योंकि जब राजधानी देहरादून में ही अवैध खनन के सारे रिकॉर्ड टूट गये हों तो दूर दराज के जिलो की तो बात बहुत दूर है, जी हां राजधानी देहरादून के विकासनगर में क्या दिन दहाड़े और क्या रात के अंधेरे में यमुना नदी को तार तार कर अवैध खनन के गोरखधंदे को डंके की चोट पर अंजाम दिया जा रहा है।
लंबे समय से “News Height” डाकपत्थर, नवाबगढ, भीमावाला, ढकरानी, ढालीपुर, कुल्हाल में यमुना नदी में किये जा रहे अवैध खनन की तमाम खबरें जनता तक पहुँचा रहा है, बावजूद इसके खनन सचिव बृजेश संत द्वारा अवैध खनन को पूर्णतया निराधार भ्रामक और असत्य बताने के सारे दावे यमुना नदी में दम तोड़ रहे हैं, इस बात पर अगर कोई शक हो तो खनन सचिव बृजेश संत को खुद विकासनगर में आकर देखना चाहिये कि कैसे और किस स्तर पर होता है अवैध खनन, अवैध खनन के अतिसंवेदनशील मुद्दे पर बिना किसी जाँच पड़ताल के एयर कंडीशनिंग कार्यलय में बैठकर इतना बड़ा बयान देना उनकी परिपक्वता पर सवाल खड़े कर रहा है, अगर बृजेश संत विकासनगर आएं तो उन्हें देखने को मिलेगा की कैसे खनन विभाग के सारे नियम कायदों को यमुना नदी में बहाकर अवैध खनन को दिन रात अंजाम दिया जा रहा है, कैसे स्टोन क्रेशर और खनन पट्टो की आड़ में यमुना नदी को लूटकर करोड़ों के वारे न्यारे किये जा रहे हैं, कैसे दर्जनों बुल्स ट्रैक्टरों द्वारा यमुना नदी का सीना चीरा जा रहा है, कैसे यमुना नदी को पार कर पौंटा हिमाचल प्रदेश स्थित क्रेशर प्लांटस् से चोरी का उपखनिज उत्तराखण्ड में लाया जा रहा है, कैसे रवन्ना रॉयल्टी में बड़ा हेरफेर कर सरकार को करोड़ों के राजस्व की चपत लगाई जा रही है, कैसे यमुना नदी से कैंचीवाला स्थित क्रेशर प्लांटस् तक हर रात सैकड़ों ओवरलोड डंफरो के माध्यम से बिना रवन्ने के RBM पहुँचाया जा रहा है, कैसे उच्च न्यायालय द्वारा शक्ति नहर के पुलों को भारी वाहनों के लिये वर्जित करने के बावजूद सैकड़ों डंफरो को इन जर्जर पुलों पर दौड़ाया जा रहा है, कैसे सैकड़ों ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालीयों के माध्यम से RBM को यमुना नदी किनारे स्थित क्रेशर प्लांटस् तक बिना किसी रवन्ने के पहुँचाया जा रहा है, कैसे क्रेशर प्लांटस् के उपखनिज को ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से शक्ति नहर के पुलों से पार कराकर तमाम ठिकानों पर डंप किया जा रहा है जहाँ से रात भर JCB के माध्यम से इस खनिज को डंफर में भरकर आगे रवाना किया जाता है, कैसे खनन संबंधी सभी विभाग आँखों पर काली पट्टी बाँधकर घूम रहे हैं।
हाल ही में जिला खान विभाग की टीम ने नवाबगढ के पास एक खनन पट्टे का निरिक्षण किया लेकिन वहाँ उन्हें कुछ भी अवैध होता नहीं दिखा जबकि वहाँ कि तस्वीरें देखकर किसी की भी आंखें फट सकती हैं (तस्वीरें साझा की गई हैं) हालांकि इसी क्रम में टीम ने एक अवैध स्टॉक पर छापा मारकर सख्त कार्यवाही को अंजाम दिया था, कमाल की बात यह कि जिला खान विभाग चाहे तो यमुना नदी से एक कंकर तक भी चोरी नहीं सकता लेकिन विभाग की औपचारिक कार्यवाही हमेशा ही सवालों के घेरे में रही है?
