Featured

Big breaking :-रात में जंगल में गुम हुए दरोगा, तलाश में जुटीं छह रेंजों की टीमें; फिर मोबाइल में आया सिग्नल और…?

NewsHeight-App

रात में जंगल में गुम हुए दरोगा, तलाश में जुटीं छह रेंजों की टीमें; फिर मोबाइल में आया सिग्नल और…?

एक वन दरोगा जंगल में गायब हो गए। जब ये सूचना वनाधिकारियों को लगी तो छह रेंज की टीम वन दरोगा को ढूंढ़ने में लगी रही। बुधवार छह बजे जब वन दरोगा भटकते हुए मोबाइल सिंगनल की रेंंज में पहुंचे। तब वन कर्मी उनके पास पहुंची।

हल्द्वानी में पूर्वी गदगदिया बिट में हुई फायरिंग के दौरान वन कर्मी जंगल में अपनी जान बचाने के लिए पैदल भाग खड़े हुए। उधर दो घंटे बाद पांच वनकर्मी वन रेंज कार्यालय पहुंच गए। उधर एक वन दरोगा जंगल में गायब हो गए। जब ये सूचना वनाधिकारियों को लगी तो छह रेंज की टीम वन दरोगा को ढूंढ़ने में लगी रही। बुधवार छह बजे जब वन दरोगा भटकते हुए मोबाइल सिग्नल की रेंंज में पहुंचे। तब वन कर्मी उनके पास पहुंची। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।

गदगदिया रेंज के गश्ती दल ने जब वन कर्मियों को ले जाते हुए देखा तो उन्होंने वाहन को उधर घुमा लिया। वन विभाग के वाहन को देखते ही तस्करों ने फायर करने शुरू कर दिए। वन विभाग के गश्ती दल में चालक सहित छह वन कर्मी थे। चालक को छोड़कर सभी गाड़ी से उतरकर पेड़ों के पीछे छिप गए।

तस्करों की फायरिंग जब नहीं रूकी तो वन कर्मियों ने जवाब में दो फायर किए। इसके बाद बेखौफ तस्करों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जान बचाने के लिए चालक गाड़ी लेकर भाग निकला। उधर गश्ती दल के सदस्य जंगल में भाग गए। चार वन कर्मी जंगल को जानते थे। इस कारण वे दो घंटे बाद गदगदिया रेंज कार्यालय पहुंच गए।

उधर पहाड़ से स्थानांतरण होकर आए वन दरोगा आनंद पंत को जंगल की जानकारी नहीं थी। वह जंगल में फंस गए। जब वह काफी देर तक नहीं पहुंचे। तो वन कर्मियों ने अनहोनी की आशंका को देखते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दी। देर रात करीब एक बजे अलग-अलग रेंज की छह टीमें हथियारों के साथ जंगल मे घुसी। वन दरोगा को बहुत तलाश किया लेकिन नहीं मिला। सुबह करीब सात बजे जब आनंद पंत मोबाइल सिंगनल में आए तो उनका संपर्क अधिकारियों से हुआ। उन्होंने अपनी लोकेशन भेजी। तब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम उन्हें जंगल से निकालकर रेंंज कार्यालय लाई।

घने जंगल और बारिश में भटकते रहे पंत
वन दरोगा जंगल से अनजान थे। रात बारिश बहुत हो रही थी। नालों में पानी चल रहा था। छाता से लेकर उनके पास कुछ भी नहीं था। देखने के लिए मात्र एक मोबाइल था। वह अंधेरे में जान बचाने के लिए जंगल में रात भर भटकते रहे। जब थक हार गए तो एक पेड़ में चढ़कर बैठ गए। जब सुबह उजाला हुआ तो उन्होंने दोबारा जंगल की सड़क ढूंढ़ी और मोबाइल लेकर सिंगनल ढूंढते रहे। जब करीब सात बजे मोबाइल में सिगनल आया तब उन्होंने अपने अधिकारियों को अवगत कराया।
संवेदनशील रेंज, दो-दो रेंज का कार्यभार एक-एक रेंजर पर
तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की बरहैनी, पीपलपड़ाव, टांडा और गदगदिया रेंज बहुत संवेनशील रेंज है। नियमानुसार हर रेंज में एक-एक रेंजर होना चाहिए। लेकिन यहां बरहैनी-गदगदिया रेंज का चार्ज प्रदीप कुमार असगोला और पीपलपड़ाव-टांडा का प्रभार रेंजर रुप नारायण गौतम के पास है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कैसे दो रेंजर चार बीट संभालेंगे। जबकि ये बीटें सबसे अधिक संवेदनशील हैं।

गदगदिया रेंज की टीम गश्त में थी। तस्करों ने उनकी टीम पर करीब 22 फायर किए। सभी वन कर्मी किसी तरह अपनी जान बचाकर भागकर आए। एक वन दरोगा रात में जंगल में फंस गए। उन्हें ढूंढने के लिए छह रेंज की टीम लगाई गई थी। बुधवार सुबह वह मिल गए।
-प्रदीप कुमार असगोला रेंजर गदगदिया

वन कर्मियों पर वन तस्करों ने मंगलवार रात हमला किया। बारिश के कारण तस्कर को टीम पहचान नहीं पाई। कितने पेड़ जंगल से कटे हैं, सर्च अभियान चलाया जा रहा है। तस्करों की पहचान की जा रही है।
-यूसी तिवारी डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर










Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Copyright © 2024

To Top