Featured

Big breaking :-निष्कासित तीन महंतों के बहिष्कार पर अखाड़ा परिषद की मुहर, मठ की भूमि बेचने का आरोप

निष्कासित तीन महंतों के बहिष्कार पर अखाड़ा परिषद की मुहर, मठ की भूमि बेचने का आरोप

उदासीन अखाड़े के पंच परमेश्वर के प्रस्ताव पर इन तीनों संतों का महाकुंभ में बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया गया। खाली पदों पर नियुक्तियों के लिए नए नामों पर चर्चा की गई। दारागंज स्थित निरंजनी अखाड़े में अखाड़ा परिषद की बैठक में पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा की ओर से भेजा गया तीन संतों के बहिष्कार का प्रस्ताव पढ़कर सुनाया गया।

महाकुंभ से पहले पंचायती उदासीन अखाड़ा (निर्वाण) के सचिव पद को लेकर मचा घमासान शुक्रवार को और तेज हो गया। हरिद्वार में उदासीन अखाड़ा की जमीन बेचने के आरोप में सचिव समेत अन्य तीन पदों से सेवा मुक्त किए गए संतों के महाकुंभ में बहिष्कार का प्रस्ताव लाए जाने के बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। इन संतों पर करोड़ों रुपये की अखाड़े की भूमि बेचने का आरोप है। उदासीन अखाड़े के पंच परमेश्वर के प्रस्ताव पर इन तीनों संतों का महाकुंभ में बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

खाली पदों पर नियुक्तियों के लिए नए नामों पर चर्चा की गई। दारागंज स्थित निरंजनी अखाड़े में अखाड़ा परिषद की बैठक में पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा की ओर से भेजा गया तीन संतों के बहिष्कार का प्रस्ताव पढ़कर सुनाया गया। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री महंत हरि गिरि को संबोधित उदासीन अखाड़े के पत्र में कहा गया है कि महंत रघुमुनि, महंत अग्रदास और महंत दामोदर दास को अखाड़े की भूमि बेचने के आरोप में निष्कासित किया जा चुका है।

 

उदासीन अखाड़े के पंच परमेश्वर महंत दुर्गा दास, महंत महेश्वर दास और महंत अद्वेतानंद दास की ओर से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि निष्कासित तीनों संत लगातार अखाड़ा विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। इससे अखाड़े के संतों की छवि खराब हो रही है और उदासीन अखाड़े की पवित्र परंपरा पर धब्बा लग रहा है। ऐसे में अखाड़ा परिषद को इन तीनों संतों के बहिष्कार का निर्णय लेना चाहिए।

विचार विमर्श के बाद पंच परमेश्वर की ओर से रखे गए इस प्रस्ताव को अखाड़ा परिषद ने सर्व सम्मति से पारित कर दिया। अब महाकुंभ में महंत रघुमुनि, महंत अग्रदास और दामोदर दास को भूमि-सुविधाओं से वंचित करने समेत अन्य आयोजनों से अलग रखने के लिए बहिष्कार करने का एलान किया गया। उधर, महंत अग्रदास ने कहा कि यह सब सोची-समझी चाल के तहत किया सजा रहा है। 12 वर्ष के बाद महाकुंभ में हर अखाड़े में सचिव बदलने की परंपरा रही है।

इस बार उदासीन अखाड़े के सचिव के तौर पर महाकुंभ कराने का दायित्व उन्हें सौंपा जाना था, लेकिन षड्यंत्र कर उन्हें भूमि बेचने के झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। इसके खिलाफ वह कोर्ट की शरण ले चुके हैं। ऐसे षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। इस मामले में न्याय के लिए वह हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।










Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Copyright © 2024

To Top