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बदलेगी देहरादून की तकदीर…कनेक्टिविटी के नाम होगा नया साल, पांच प्रोजेक्ट पर हो रहा काम

साल की शुरूआत में ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इससे दिल्ली जाने वालों के करीब 40 मिनट बचेंगे।

नए साल से राजधानी दून को कई बड़ी उम्मीदें हैं। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, संचार, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत कई क्षेत्रों में देहरादून को काफी कुछ मिलना है, लेकिन कनेक्टिविटी के लिए यह साल सबसे अहम रहेगा। साल की शुरूआत में ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

इससे दिल्ली जाने वालों के करीब 40 मिनट बचेंगे। वहीं अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे तक एलिवेटेड रोड भी शुरू हो जाएगा। उधर कई अन्य सड़क परियोजनाएं भी इस साल पूरी होंगी। वहीं कुछ परियोजनाओं में काम शुरू हो जाएगा।

सीआरआरआई ने किया दिल्ली दून एक्सप्रेस-वे का सर्वे पूरा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का पहला चरण आशारोड़ी से गणेशपुर तक बनाया गया है। इस एलिवेटेड रोड का काम पूरा हो चुका है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान की टीम ने एक्स्प्रेस-वे का स्थलीय सर्वे किया, जिसमें निर्माणाधीन मार्ग की तकनीकी खामियां और डिजाइन को लेकर टीम ने जांच की। सर्वे रिपोर्ट में सबकुछ ठीक-ठाक मिला। इसी महीने इसका उद्घाटन किया जाना है। इसी महीने यह हिस्सा वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे 2423 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

चुनाव के बाद शुरू होगा 26 किमी एलिवेटेड रोड पर काम
शहर को जाम से राहत दिलाने के लिए 5500 करोड़ रुपये से दो एलिवेटेड रोड बनाए जाने हैं। रिस्पना व बिंदाल नदी के किनारों पर 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड की डीपीआर का परीक्षण मॉडल स्टडी के आधार पर आईआईटी रुड़की से कराया जा चुका है। बिंदाल व रिस्पना के किनारों पर चार से छह लेन के बीच एलिवेटेड रोड बनेगा। माॅडल स्टडी की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। पहला एलिवेटेड रोड विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुर रोड से सटे नागल पुल पर जुड़ेगा। दूसरा एलिवेटेड रोड पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से शुरू होकर न्यू कैंट रोड के हाथीबड़कला जंक्शन तक बनेगा। एलिवेटेड रोड बनने से बाहरी क्षेत्र से आने वाले वाहनों को लेकर शहर में प्रवेश कराए बिना मसूरी रोड तक पहुंचाया जा सकेगा।

12 किमी लंबा बनेगा लिंक रोड, शहर में प्रवेश नहीं करेंगे बाहरी वाहन
देहरादून की 12.17 किमी लंबी बहुप्रतीक्षित झाझरा-आशारोड़ी लिंक रोड पर भी इस साल काम शुरू होगा। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। योजना के मुताबिक यह फोरलेन सड़क होगी। छह गांवों में स्थित 44.76 हेक्टेयर निजी व सरकारी भूमि से होकर सड़क का निर्माण किया जाएगा। केंद्र ने इसके लिए 715 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। यह लिंक रोड देहरादून शहर के लिए एक बाईपास के रूप में कार्य करेगा। इसके बनने से दिल्ली की तरफ से सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया, पांवटा साहिब या दून की तरफ बल्लूपुर के पास तक जाएंगे, उन्हें शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। पांवटा साहिब से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को भी दून में प्रवेश नहीं करना होगा। आशारोड़ी में आरटीओ चेकपोस्ट के पास शुरू होकर झाझरा में देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग तक इसका निर्माण होगा।

दून-पांवटा साहिब फोर लेन हाईवे से 35 मिनट में पूरा होगा सफर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 45 किमी इस मार्ग का निर्माण दो पैकेज में किया जा रहा है। पैकेज-टू में बल्लूपुर चौक से मेदनीपुर तक व पैकेज-वन में मेदनीपुर से पांवटा साहिब तक सड़क निर्माण किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बल्लूपुर-पांवटा साहिब सड़क परियोजना के लिए 1594.33 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। दो चरणों में प्रस्तावित प्रोजेक्ट को फरवरी 2025 तक पूरा करना है। प्रोजेक्ट के तहत भीड़ वाले शहर पांवटा साहिब, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई और सुुद्धोवाला को बाईपास करते हुए करीब 22 किमी लंबाई का ग्रीन फील्ड तैयार किया जा रहा है। इस मार्ग के बनने से दून-पांवटा की दूरी पांच से सात किमी तक कम हो जाएगी। ग्रीन फील्ड रोड पर सफर करते हुए लोग करीब पौने दो घंटे की दूरी को महज 35 मिनट में पूरा कर पाएंगे

सुद्धोवाला क्षेत्र से मसूरी तक बनेगा नया मार्ग
मसूरी की तरफ जाने वाले वाहनों को अब शहर में नहीं जाना होगा। एनएचएआई मसूरी के लिए एक नया वैकल्पिक मार्ग बनाने जा रहा है। इसकी अनुमानित लागत 3,700 करोड़ रुपये होगी। आशारोड़ी से झाझरा पहुंचने के बाद मसूरी के लिए प्रस्तावित वैकल्पिक मार्ग सुद्धोवाला क्षेत्र से मिलेगा। यह मसूरी में लाइब्रेरी चौक के पास समाप्त होगा। अभी यह वैकल्पिक अस्थाई मार्ग है। इसे एनएचएआई हाईवे की तर्ज पर बनाने जा रहा है।

राजधानी दून को जाम मुक्त करने के लिए कई सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जबकि कई परियोजनाएं इस साल पूरी होने जा रही हैं। इससे देहरादून को जाम से राहत मिलेगी। यह साल सड़क कनेक्टिविटी के नाम रहेगा।
-सविन बंसल, जिलाधिकारी देहरादून










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