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Big breaking :-भाजपा में ही बन गया एक और ‘विपक्ष’, हमलों के बीच लगातार बड़े फैसले ले रहे CM योगी; क्या है रणनीति

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लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की सीटें कम क्या हुईं मानो पार्टी में ही एक विपक्षी धड़ा सा बन खड़ा हुआ है। सहयोगी दल तो हमलावर थे ही खुद पार्टी के विधायक भी मुंह खोलने लगे।

 

इस सबके बावजूद सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिना विचलित हुए लगातार सरकार के कामकाज में जुटे हैं। हैरत तो यह कि विधायकों, पूर्व विधायकों द्वारा लगातार सरकार की आलोचना कर अनुशासनहीनता किए जाने के बाद भी संगठन की सख्ती नज़र नहीं आ रही।

शुरू हुई पत्र की राजनीति
लोकसभा चुनावों के बाद सबसे पहले सहयोगी अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने आरक्षण के नाम पर पत्र लिखकर सरकार पर हमला बोला। सरकार के जवाब ने उसे टांय-टांय फिस कर दिया तो उन्होंने मिर्जापुर में टोल प्लाज़ा को लेकर पत्र लिखा। बात यहीं नहीं रुकी, शिक्षकों की हाजिरी को लेकर विपक्षी दल हमला करते लेकिन हाजिरी को लेकर खुद पार्टी के कई नेता विधायकों ने पत्र लिख डाले। संजय निषाद तो आरोप लगा ही रहे थे अब उनके बेटे सरवन निषाद ने चौरी-चौरा पुलिस को घेरा है।

अपने ही करने लगे वार, संगठन निढाल
गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा एमएलसी ने शिक्षक हाजिरी पर पत्र लिख डाला। वहीं जौनपुर से भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्र और पूर्व मंत्री मोती सिंह ने पुलिस-प्रशासन पर लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगाते हुए हमला किया। यह बात दीगर है कि खुद पूर्व मंत्री मोती सिंह पर उनके विरोधी प्रतापगढ़ में मंत्री पद पर रहते हुए पुलिस-प्रशासन के दुरुपयोग करने की चर्चाएं करते हैं। बात यही नहीं रुकी कैंपियरगंज से भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने गोरखपुर पुलिस प्रशासन पर अपनी हत्या की साजिश के मामले में ढिलाई बरतने के आरोप मढ़ दिए। दो ही दिन भाजपा में शामिल हुए नारद राय ने बलिया में एक कार्यक्रम में प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया।

 

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं-विधायक जिले में अपने काम न होने और कुछ निजी स्वार्थों के जरिये सरकार पर हमलावर हैं। उन्हें क्षेत्र में जनता की समस्याओं और विकास के कार्यों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इस सबके इतर आश्चर्य तो यह है कि भाजपा संगठन ने पार्टी मंच पर खुलकर सरकार पर हमला करने के चलते हुई फजीहत कराने वाले किसी भी नेता पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। पार्टी में खुद इस रवैये पर सवाल उठ रहे हैं।

योगी जुटे विकास कार्यों और बाढ़ नियंत्रण में
सरकार विरोधी अजीबो-गरीब मुहिम के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कामकाज में जुटे हैं। अव्वल तो उन्होंने बाढ़ नियंत्रण के लिए लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर और शाहजहांपुर का न केवल दौरा किया बल्कि वहां कार्यों की समीक्षा भी की। वह पौधारोपण अभियान को सफल बनाने में जुटे रहे।

कांवड यात्रा के मद्देनज़र उनकी दो बार पुलिस अधीक्षकों व जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर बैठकें की और जरूरी निर्देश दिए। भ्रष्टाचार को लेकर आईएएस देवीशरण उपाध्याय को निलंबित किया और भ्रष्टाचार व लापरवाही में संलिप्त एसडीएम श्रावस्ती अरुण को निलंबित किया। वहीं पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मुहिम में जुटी रही।










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