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Big breaking :-उत्तराखंड सरकार से बड़ी खबर, राज्य कर्मियों ने प्रमोशन को बोला ना तो ये पड़ेगा उनपर प्रभाव, जारी हुई नियमावली

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राज्यपाल, भारत का संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके, उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) नियमावली, 2020 एवं इस विषय पर समस्त विद्यमान नियमों एवं आदेशों को अधिक्रमित करते हुए उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) हेतु निम्नलिखित नियमावली बनाते है:-

उत्तराखण्ड राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) नियमावली, 2024

राज्याधीन सेवाओं में आयोग/विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा सम्बन्धित कार्मिक के पदोन्नति आदेश में कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकतम पन्द्रह दिन की अवधि निर्धारित की जायेगी। कार्यभार ग्रहण न करने की दशा में किसी भी परिस्थिति में नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा अतिरिक्त समय नहीं दिया जा सकेगा;

जब कोई कार्मिक उसे दी गई पदोन्नति स्वीकार नहीं करना चाहता है, तो वह लिखित अनुरोध कर सकता है कि उसे पदोन्नत न किया जाए और नियुक्ति प्राधिकारी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुरोध पर विचार करेगा;

पदोन्नति का परित्याग करने वाले संबंधित कार्मिक से इस आशय का विधिवत् शपथ-पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि वह भविष्य में पुनः कभी भी अपनी पदोन्नति की मांग नहीं करेगा और इसके परिणामस्वरूप नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा चयन सूची से अगले पात्र कार्मिक को पदोन्नत किया जा सकेगा;

एक बार पदोन्नति का परित्याग करने के पश्चात् संबंधित कार्मिक को भविष्य में होने वाली पदोन्नति हेतु पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किया जाएगा;

ऐसे कार्मिक जिनके द्वारा पदोन्नति का परित्याग (Forgo) किया जाता है, के सम्बन्ध में नियुक्ति प्राधिकारी पदोन्नति का परित्याग करने के कारणों का विश्लेषण करते हुए स्वविवेक से यह निर्णय लेंगे कि उन्हें भविष्य में, जनहित में, संवेदनशील / महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जाए अथवा नहीं।

यह नियमावली राज्याधीन सेवाओं के अन्तर्गत नियुक्त कार्मिकों की नियमित पदोन्नति के सम्बन्ध में लागू होगी।

इस नियमावली के उपबन्धों को लागू करने में शिथिलता बरते जाने पर उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 तथा उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के उपबन्धों के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जा सकेगी।










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