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Big breaking :-दूसरे राज्यों के लोगों ने दून में कितनी खरीदी जमीन…पड़ताल शुरू, डीएम ने मांगी रिपोर्ट

दूसरे राज्यों के लोगों ने दून में कितनी खरीदी जमीन…पड़ताल शुरू, डीएम ने मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों कहा था कि उत्तराखंड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि कोई व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, लेकिन ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि क्रय कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।

राज्य से बाहर के लोगों ने देहरादून जिले में कितनी जमीन खरीदी, इसकी पड़ताल शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के आदेश के पालन में डीएम सविन बंसल ने एक सप्ताह में सभी उप जिलाधिकारियों को रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। बाहरी व्यक्तियों की ओर से भूमि खरीद में शर्तों के उल्लंघन की जांच भी की जाएगी।

डीएम सविन बंसल ने बताया कि उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) की धारा-154 (4) (3) (ख) के अंतर्गत दी गई भूमि क्रय की अनुमति के संबंध में प्रदेश में जांच चल रही है। भूमि खरीद में दुरुपयोग साबित होने पर भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों कहा था कि उत्तराखंड में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि कोई व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, लेकिन ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि क्रय कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है

सरकार को नियमों में छूट के दुरुपयोग की भी शिकायतें मिली हैं, इसलिए बाहरी लोगों की ओर से खरीदी गई जमीनों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे लोग भी जांच के दायरे में शामिल किए जा रहे हैंं, जिन्होंने निवेश के नाम पर 12.50 एकड़ भूमि खरीदी है, लेकिन उसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। डीएम ने बताया कि अब खतौनी आनलाइन हैं। इसलिए आंकड़ा जुटाने में कोई खासी मशक्कत नहीं करनी होगी, गैर राज्यों के लोग जब उत्तराखंड में जमीन खरीदते हैं तो वह शासन को जमीन लेने का कारण भी दर्ज कराते हैं।

इसे खतौनी में विशेष श्रेणी वर्ग 1(ग) में दर्ज किया जाता है। इसलिए खतौनी में श्रेणी वर्ग 1(ग) से तलाशते ही गैर राज्य के लोगों द्वारा खरीदी गई जमीन का विवरण सामने आ जाएगा। इसके बाद उस सूची की तहसीलवार जांच की जाएगी। देखा जाएगा कि नियमों का पालन किया गया है या नहीं। जमीन का प्रयोग बताए गए उपयोग के लिए किया जा रहा है या नहीं। जमीन में अतिक्रमण तो नहीं किया गया है। भूमि पर बिना अनुमति के बोरिंग तो नहीं किया है। भिन्न प्रयोजन और अन्य नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।










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