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Big breaking :-वन विभाग ने डिप्टी रेंजरों को दी प्रभारी रेंजर के रूप में जिम्मेदारी, जानें किसे कहां मिली तैनाती, देखें लिस्ट

वन विभाग ने डिप्टी रेंजरों को दी प्रभारी रेंजर के रूप में जिम्मेदारी, जानें किसे कहां मिली तैनाती, देखें लिस्ट

उत्तराखंड वन विभाग में लंबे समय से इंतजार कर रहे डिप्टी रेंजर्स को आखिरकार प्रभारी रेंजर के रूप में तैनाती दे दी गई है. वन विभाग के आदेश जारी होने के साथ ही विभाग में रेंजर्स की चली आ रही कमी को दूर करने की तरफ बड़ा कदम बढ़ाया गया है. वन मुख्यालय ने 50 डिप्टी रेंजर्स को अब प्रभारी रेंजर के तौर पर तैनाती दी है.


देहरादनःउत्तराखंड वन विभाग में खाली चल रही रेंजों को अब प्रभारी रेंजर मिल गए हैं. दरअसल प्रदेश में पिछले लंबे समय से रेंजरों की कमी चल रही है. ऐसी स्थिति में डिप्टी रेंजर प्रभारी रेंजर के रूप में तैनाती की मांग कर रहे थे. ऐसे में शासन के अनुमोदन के बाद आखिरकार वन विभाग ने डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर्स के रूप में तैनाती का आदेश जारी कर दिया है. जारी किए गए आदेश के अनुसार अक्षेत्रीय वन रेंजों में 50 डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर के तौर पर तैनाती के आदेश हुए हैं.पिछले लंबे समय से डिप्टी रेंजर प्रभारी रेंजर के रूप में तैनाती की मांग कर रहे थे, जिसकी फाइल शासन में चल रही थी. लेकिन शासन स्तर पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाने के कारण डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर्स के रूप में तैनात नहीं किया जा पा रहा था. पिछले दिनों शासन ने इस पर निर्णय लेते हुए प्रभारी रेंजर बनाए जाने की सहमति दी थी, जिसके बाद वन मुख्यालय ने अब अक्षेत्रीय रेंजर की कमान प्रभारी रेंजर्स के रूप में डिप्टी रेंजर्स को सौंप दी है. वन मुख्यालय के स्तर पर 50 सीनियर डिप्टी रेंजर्स को प्रभारी रेंजर बनाया गया है

85 जगहों पर नहीं थी कोई स्थायी तैनाती: उत्तराखंड में रेंजर्स के बड़ी संख्या में पद खाली चल रहे हैं. राज्य में 100 अक्षेत्रिय रेंज और यूनिट मौजूद है. जिसमें से 85 जगह पर स्थायी तैनाती नहीं हो पा रही है. हालांकि, अब 50 प्रभारी रेंजर मिलने के बाद वन विभाग ने इन्हें इन खाली रेंज में तैनात कर दिया है.

जूनियर डिप्टी रेंजर को मिल रखा था चार्ज: दरअसल, वन विभाग में फील्ड स्टाफ के रूप में रेंजर का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. बड़ी संख्या में पद खाली होने के कारण वनों में कई तरह की दिक्कतें भी सामने आ रही थी.

खास बात यह है की सीनियरिटी को दरकिनार करते हुए कई जगह पर व्यवस्था के तौर पर जूनियर डिप्टी रेंजर को चार्ज दिया गया था. उधर भारी रेंजर के रूप में 51 डिप्टी रेंजर ही योग्य थे, जिसमें से 50 डिप्टी रेंजर को प्रभारी रेंजर बना दिया गया है.


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