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एनएच की सैकड़ों किमी सड़क को एनएचआईडीसीएल को सौंपने की कवायद, मंत्रालय ने राज्य से मांगी टिप्पणी

राज्य में सड़क निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी कई विभाग संभाल रहे हैं। इसमें एनएच के अधीन 3608 किमी सड़क की जिम्मेदारी है, इसमें चारधाम यात्रा मार्ग का काफी हिस्सा भी शामिल है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन राज्य की सैकड़ों किमी मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सौंपने की कवायद चल रही है। इसको लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का पत्र शासन और एनएच में पहुंचा है। इसके बाद शासन स्तर से पक्ष को भेजा गया है।

सूत्रों के अनुसार इसमें एनएच के अधीन सड़कों के निर्माण, अधिकारियों और संसाधनों का ब्यौरा देते हुए एक तरह से सड़क को एनएच के पास रहने का अनुरोध किया गया है। राज्य में सड़क निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी कई विभाग संभाल रहे हैं। इसमें एनएच के अधीन 3608 किमी सड़क की जिम्मेदारी है, इसमें चारधाम यात्रा मार्ग का काफी हिस्सा भी शामिल है। इसके अलावा बीआरओ के पास 1013 सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पीआईयू के पास 21 किमी मार्ग है। इसी तरह एनएचआईडीसीएल के अधीन 105 किमी सड़क की जिम्मेदारी है।

अब एनएच के अधीन दो महत्वपूर्ण मार्ग को सौंपने की कवायद चल रही है। इसमें एक मार्ग नैनीताल जिले के ज्योलीकोट – अल्मोड़ा- रानीखेत- चौखुटिया- गैरसैंण- कर्णप्रयाग(352)है। दूसरा मार्ग त्यूनी-चकराता-मसूरी- चंबा-पीपलकोटी होते हुए मलेथा (235) तक आने वाला मार्ग शामिल है। इन दोनों मार्ग की लंबाई करीब 587 सौ किमी है। इसको लेकर सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय का पत्र पहुंचा है और इस प्रस्ताव पर टिप्पणी मांगी थी। इसका जवाब तैयार कर मंत्रालय को भेजा गया है।
कार्याें और संगठनात्मक ढांचे का विवरण दिया

सूत्रों के अनुसार मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। इसमें दो सड़क को विकसित करने का काम एनएच के माध्यम से हाेने बात कही गई है। इन मार्गाें के विकास के लिए समरेखण प्राप्त करने और भूमि अधिग्रहण और वन विभाग से मंजूरी को लेकर चल रही प्रक्रिया का भी हवाला दिया गया है। इसके अलावा चारधाम प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्याें का हवाला दिया गया था।

पत्र में कहा गया है कि चुनौतियों के बीच 2028 किलोमीटर लंबाई के राजमार्ग को तैयार किया गया है। संसाधनों और अधिकारियों का भी जिक्र किया गया है। कहा गया है कि अधिकारी अवसर मिलने पर अधिक दायित्व संभाल सकते हैं।

इससे उनकी क्षमता में और विकास होगा। इससे विभाग और उन्हें और बेहतर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पत्र में कामकाज के लिए संगठनात्मक ढांंचे का विवरण दिया गया है। इसके साथ ही दोनों मार्गाें का विकास काम एनएच के माध्यम से कराने का ही अनुरोध किया गया है।

मंत्रालय ने संबंधित मामले में टिप्पणी मांगी थी, जिसका जवाब भेज दिया गया है। इसमें अपनी क्षमता और संसाधनों को बताया गया, यह कार्य हम कर सकते हैं। – डॉ पंकज पांडेय, सचिव लोक निर्माण विभाग










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