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Big breaking :-आयुर्वेद निदेशक ने शासन को लिखा पत्र आपातकाल में आयुष चिकित्सकों को भी मार्डन औषधियों (एलैपैथिक) का प्रयोग करने का मिले अधिकार

मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त / विभिन्न माध्यमों से प्राप्त प्रकारणों पर कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में।

उपर्युक्त विषयक शासन के पत्र-261/XL-1-2024-175/2010 टी०सी०-3 दिनांक 15 फरवरी 2024 के संदर्भ संख्या-13 व 29 के साथ अनुरोधकर्ता डा० अखिलेश कुमार भटनागर, प्रान्तीय सचिव, आरोग्य भारती चित्रांश क्लीनिक आरोग्य रेस्ट कैम्प देहरादून का संलग्न अनुरोध पत्र में अवगत कराया गया है कि उत्तराखण्ड के भौगोलिक क्षेत्र में आये दिन कुछ न कुछ दुर्घटनायें घटित होती रहती है एवं आपदायें भी आती रहती हैं जिसमें स्थानीय स्तर के निजी पंजीकृत आयुष चिकित्सक रोगियों की जान बचाने हेतु आकस्मिक एवं आपातकालीन स्थिति में मार्डन औषधियों (एलौपैथिक) का प्रयोग कर जीवन रक्षा का प्रयास करते हैं एवं नजदीकी चिकित्सालयों में रेफर (संदर्भित) करते हैं।

 

 

उत्तराखण्ड शासन के पत्र संख्या-1348/XXXX/2015- 127/2011 दिनांक-20 मई 2015 के द्वारा सरकारी आयुष चिकित्सकों के लिये मार्डन औषधियों (एलोपैथिक) का प्रयोग करने का शासनादेश जारी किया गया था (छयाप्रति संलग्न) जिसमें निजी आयुष चिकित्सकों को शामिल नहीं किया गया है। जबकि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति को व जनसहतार्थ सभी आयुष चिकित्साकों को आकस्मिक एवं आपातकालीन स्थिति में मार्डन औषधियों (एलौपैथिक) का प्रयोग करने हेतु शासनादेश जारी किया जाना चाहिये। उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश व हरियाणा सरकार ने भी अपने समस्त आयुष चिकित्सकों को आधुनिक औषधियों लिखने के लिये कतिपय विधिक संरक्षणात्मक उपायों के साथ प्राधिकृत किया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विषम/प्रारम्भिक /आपातकालीन परिस्थितियों में रोगी को त्वरित एवं प्रभावी उपचार प्राप्त हो सके ऐसी स्थिति में मार्डन औषधियों (एलौपैथिक) का प्रयोग करने हेतु शासनदेश जारी कर औषधियों को सूची में अंकित कर स्वतंत्रता प्रदान की है। (सलग्नक)

उक्त के क्रम में डा० अखिलेश कुमार भटनागर द्वारा उत्तराखण्ड के आरोग्य भारती एवं अन्य संगठन के समस्त निजी पंजीकृत आयुष चिकित्सकों को आकस्मिक एवं आपातकालीन स्थिति में रोगियों की जान बचाने हेतु मार्डन औषधियों (एलैपैथिक) का प्रयोग करने हेतु उत्तराखण्ड शासन के पत्र संख्या-1348/XXXX/2015-127/2011 दिनांक-20 मई 2015 में सरकारी आयुष चिकित्सकों के लिये जारी शासनादेश में संशोधन करते हुए समस्त निजी पंजीकृत आयुष चिकित्सकों को भी मार्डन औषधियों (एलैपैथिक) का प्रयोग करने की स्वीकृति प्रदान किये जाने हेतु नया शासनादेश जारी कर स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है।

उल्लेखनीय है कि डा० अखिलेश कुमार भटनागर द्वारा अपने पत्र के साथ दिये गये संलग्नकों

द्वारा स्पष्ट किया है कि पत्र में वर्णित राज्यों में आयुष चिकित्सकों को मार्डन औषधियों (एलौपैथिक) का प्रयोग

करने की स्वीकृति प्रदान है। अतः अनुरोध है कि उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में यथोचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।










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