Featured

Big breaking :-पूर्व सीएम त्रिवेंद्र व सांसद अनिल बलूनी की सुरक्षा हटाने सम्बन्धी समाचार भ्रामक व तथ्यहीन-पुलिस मुख्यालय • देखें, पुलिस मुख्यालय की ओर से सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक पोस्ट के सम्बन्ध में खण्डन

NewsHeight-App

*सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक पोस्ट के सम्बन्ध में खण्डन*

दिनांक 22-07-2024 को नेटवर्क 10 के सोशल मीडिया पृष्ठ पर श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मा0 पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड/वर्तमान सांसद हरिद्वार एवं श्री अनिल बलूनी, मा0 सांसद पौड़ी गढ़वाल की Y+ श्रेणी की सुरक्षा हटाये जाने सम्बन्धी पोस्ट प्रसारित की गयी है।

 

 

*उक्त सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निर्देशों के अनुसार किसी महानुभाव/व्यक्ति को जीवन भय के आधार पर सुरक्षा श्रेणी/सुरक्षा प्रदान की जाती है। महानुभावों को प्रदत्त सुरक्षा की प्रत्येक 06 माह में सुरक्षा समीक्षा कराये जाने का प्रावधान है।*वर्तमान में शासन/पुलिस मुख्यालय स्तर पर उक्त महानुभावों की सुरक्षा को हटाये जाने को कोई निर्णय नहीं लिया गया है।* निकट भविष्य में विभिन्न महानुभावों को प्रदत्त सुरक्षा के सम्बन्ध में राज्य सुरक्षा समिति (SSRC) की बैठक शासन स्तर पर प्रस्तावित है। विभिन्न महानुभावों को सुरक्षा प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में जनपदीय जीवन भय आंकलन समिति द्वारा उन्हें व्याप्त खतरों के सम्बन्ध में आंकलन कर आख्या मुख्यालय को प्रेषित की जाती है। तदोपरान्त जनपदीय समिति से प्राप्त आख्या शासन को प्रेषित की जाती है। जनपदीय समिति की संस्तुति के आधार पर ही सुरक्षा दिये जाने अथवा हटाये जाने के सम्बन्ध में शासन स्तर पर निर्णय लिया जाता है।

उपरोक्त पोस्ट के साथ सम्बन्धित महानुभावों की *सुरक्षा हटाने सम्बन्धी किसी आदेश की प्रति प्रसारित नहीं की गयी है, जिससे प्रतीत होता है कि नेटवर्क 10 के पत्रकार बन्धु को सुरक्षा सम्बन्धी पुलिस प्रक्रिया प्रणाली की जानकारी का नितान्त अभाव है, जिसके फलस्वरुप उनके द्वारा सोशल मीडिया पर उक्त तथ्यहीन/भ्रामक पोस्ट को प्रसारित किया गया है। यदि किसी को सुरक्षा सम्बन्धी मानकों की जानकारी प्राप्त करनी है तो वह यथोचित कारण प्रस्तुत कर किसी भी कार्य दिवस में पुलिस मुख्यालय में उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त कर सकता है।*

 

 

जहां तक विवादास्पद लोगों की सुरक्षा को बरकरार रखने का सवाल है तो ऐसे व्यक्तियों की सूची को ठोस तथ्यपरक साक्ष्यों सहित सक्षम अधिकारियों/समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।
*महानुभावों के सुरक्षा सम्बन्धी संवेदनशील प्रकरण पर बिना किसी ठोस तथ्य के सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट करना विधि विरुद्ध है। झूठी सूचना/अफवाह फैलाने के फलस्वरुप सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही भी अमल में लायी जा सकती है।*

*Chief PRO PHQ*










Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Copyright © 2024

To Top