व्यापारियों पर अतिक्रमण के नाम पर मुक़दमे दर्ज करने पर आक्रोशित हुआ दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ।
देहरादून। आज दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोंन, सभी पदाधिकारी और समस्त व्यापारियों की शहर कोतवाली में बैठक हुई। शहर कोतवाल द्वारा सभी को सूचित किया गया कि सभी व्यापारी अपनी दुकानों के बाहर अतिक्रमण नहीं करेंगे और अगर अतिक्रमण होगा तो दुकानदार पर मुक़दमा दर्ज किया जाएगा। जैसा कि 20/11/2024 को किया गया है।
इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोंन ने मुक़दमे की कार्यवाही पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापारी कोई चोरी नहीं कर रहा है जो कि, उस पर मुक़दमे दर्ज हो। व्यापारी को व्यापार करते हुए अपना घर चलाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
साथ ही दुकानदार अपनी दुकान में कार्यरत कर्मचारियों को रोजगार देकर उनका घर चलाता है।
मेसोन ने कड़ा रुख अपनाते हुए शहर कोतवाल से माँग की कि, सबसे पहले आप घंटाघर मेन चौक पर एवं बाज़ारो में छोटी-छोटी ठेलियाँ लेकर जो लोग घुस रहे हैं और अवैध परमानेंट रिंग लगा कर बैठे हुए है, उन्हें हटाने का काम करे और उनको बाज़ारो में घुसने ना दिया जाए और साथ ही उन अतिक्रमण कारियों पर मुक़दमे दर्ज उन्हें हटाने का काम करे।
उनके द्वारा सड़कों पर जाम लगते हैं। जब उन्हें हटने के लिए कहा जाता है, तो वह व्यापारी के साथ बदतमीज़ी करते हैं। इसलिए सबसे पहले इन पर अंकुश लगना चाहिए। अगर ऐसी व्यवस्था बनाकर आपके द्वारा दी जाती है तो हम ख़ुद आपके साथ अपने व्यापारियों की दुकान की सजावट की एक सीमा तेह करेंगे, उसके बाहर जो भी व्यापारी दिखायी दे उसका आप चालान कर सकते है। लेकिन यह मुक़दमे हमारे व्यापारियों पर हम बर्दाश नहीं करेंगे।
व्यापार मण्डल अध्यक्ष पंकज मैसोंन ने साथ ही शासन, प्रशासन और सरकार से यह माँग भी की कि, जो हमारा व्यापारी उत्तराखण्ड का स्थाई निवासी है और अपने रोज़गार को बाज़ारों में कई जगहों पर ठेली स्टैंड लगा रहा है उसके लिए, उसके रोज़गार के लिए कुछ जगह चिन्हित की जाये जहां पर वह अपना रोज़गार कर सके।
इस अवसर पर संरक्षक रवि मल्होत्रा, महामंत्री पंकज डिढ़ान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेखर फुलारा, उपाध्यक्ष हरीश वीरमानी, उपाध्यक्ष राम कपूर, सचिव अजीत सिंह, गुरजिंदर सिंह आनंद, राजेश श्रीवास्तव, संयोजक सुमित कोहली, संयोजक मोहित भटनागर, इंदरजीत सिंह, युवा उपाध्यक्ष मनीष मोनी , राजेश गोयल अन्य कई व्यापारी गण मौजूद रहे।

