शिक्षक बोले- व्हाट्सएप पर मिलने वाले आदेशों का नहीं किया जाएगा पालन
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से व्हाट्सएप पर जारी किए जा रहे आदेशों की भाषा शैली पर शिक्षकों ने सख्त एतराज जताया। आदेशों को लागू करने के लिए समय कम मिलने से गुस्साए शिक्षकों ने फैसला लिया कि व्हाट्सएप पर मिलने वाले आदेशों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाएगा। ऐसे आदेशों के पालन के लिए समय कम मिल रहा है।
यह फैसला शुक्रवार को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के तीनों संगठनों अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ, प्रधानाचार्य परिषद और माध्यमिक शिक्षणेत्तर संगठन की संयुक्त बैठक में लिया गया। गांधी इंटर कॉलेज में आयोजित हुई बैठक में शिक्षकों ने आरोप लगाते हुए कहा, विभागीय अधिकारी वेतन रोकने का भय दिखाकर कार्य करवाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही मांग की कि विभागीय आदेश व्हाट्सएप के बजाय विधिवत रूप से भेजे जाएं, जिनमें पत्रांक, दिनांक और अधिकारी के हस्ताक्षर आवश्यक रूप से हों। इसके अलावा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री प्रतिभाशाली छात्रवृत्ति योजना की परीक्षा को जुलाई के स्थान पर अगस्त माह में करने की मांग की।
Iपाठ्य-पुस्तकें अप्रैल-माह में उपलब्ध कराई जाएंI
शिक्षकों ने कहा कि विभाग की ओर से मिलने वाली सभी पाठ्य-पुस्तकों को अप्रैल-माह में ही छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई जाएं। इस विद्यालय को बार-बार किताबों को लेने में दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। शिक्षकों ने कहा कि लंबित मांगों को जल्द पूरा किया जाए। चेतावनी देते हुए कहा, तीनों संगठनों की मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। बैठक में संजय बिजल्वाण, जयप्रकाश बहुगुणा, अनिल नौटियाल, राजेश चंद्र शर्मा, दिनेश डोबरियाल, राकेश मोहन डबराल, विजय जगवाण, गिरीश सेमवाल, बीएस पंवार, वासुदेव सेमवाल आदि मौजूद रहे।

