Featured

Big breaking :-जय श्री बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से रात्रि को 9 बजकर 07 मिनट पर ब़ंद हुए श्री बदरीनाथ धाम के कपाट, अब यहां होगी पूजा

NewsHeight-App

,‌ *जय श्री बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से रात्रि को 9 बजकर 07 मिनट पर ब़ंद हुए श्री बदरीनाथ धाम के कपाट*

• *श्री बदरीनाथ मंदिर को भब्य रूप से 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया।*

• *दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद के दिन रहे मौजूद।*

• *18 नवंबर प्रात: देव डोलियां योग बदरी पांडुकेश्वर तथा जोशीमठ प्रस्थान करेगी।*

• *योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में 19 नवंबर से शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी।*


श्री बदरीनाथ धामः 17 नवंबर। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज रविवार 17 नवंबर को सेना के भक्तिमय बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ विधि- विधान से जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ आज रात्रि 9 बजकर 07 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये । आज कपाट बंद होने के दिन तक साढ़े सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए है।इस दौरान बदरीनाथ धाम में पहाड़ियों पर बर्फ देखी जा सकती है जिससे सुबह शाम सर्द बयारें चल रही है कपाट बंद होने हेतु श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश ने मंदिर को फूलों से सजाया है।
स्थानीय लोक कलाकारों तथा महिला मंगल दल बामणी, पांडुकेश्वर द्वारा स्थानीय लोकनृत्य तथा जागर आदि का आयोजन किया जाएगा दानीदाताओं तथा सेना ने श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन किया है श्री बदरीनाथ धाम में मौसम साफ है शाम सुबह सर्दी है तीर्थयात्रियों की चहल-पहल कपाट बंद होने के अंतिम दिन तक बनी रही।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने संदेश में यात्रा समापन के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है तथा श्री बदरीनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभागों संस्थाओं का आभार जताया है।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने यात्रा समापन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने श्री बदरीनाथ धाम यात्रा समापन के अवसर पर भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये तथा कहा कि प्रशासन तथा मंदिर समिति के समन्वयन से श्री बदरीनाथ यात्रा कुशलतापूर्वक संपन्न हो रही है रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे है। श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से चल रहा है जिससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का सफल समापन हो रहा है सवा चौदह लाख से अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये हैं मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों के सरल सुगम दर्शन व्यवस्था की।

कपाट बंद होने के दिन आज शाम शयन आरती पूजा अर्चना शुरू होने से पहले शाय: तक श्रद्धालु दर्शन‌ किया दिन में भोग के बाद मंदिर बंद नही हुआ।तथा रात्रि 7.30 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। रावल अमरनाथ नंबूदरी धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया ने कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी की ।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह से बाहर आये तथा इसके बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री रूप धारणकर मां लक्ष्मी को मंदिर गर्भ गृह में विराजममान किया

तत्पश्चात रात्रि सवा 8 बजे भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंगल दल द्वारा बुनकर तैयार किया गया घृत कंबल औढाया गया उसके बाद रात 9 बजकर 07 मिनट रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंदकर दिये।

उल्लेखनीय है कि बुधवार 13 नवंबर से पंचपूजाएं शुरू हो गयी थी पंच पूजाओं के अंतर्गत पहले दिन भगवान गणेश की पूजा हुई, शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद हो गये। दूसरे दिन बृहस्पतिवार 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए। तीसरे दिन शुक्रवार 15 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया।चौथे दिन शनिवार 16 नवंबर मां लक्ष्मी जी का कढ़ाई भोग चढाया गया। आज रविवार 17 नवंबर को रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ घाम के कपाट बंद हो गये।

यहां यह भी विदित है कि कपाट बंद होने की तिथि तय होने के कार्यक्रम विजयदशमी सोमवार 12 अक्टूबर बदरीनाथ धाम की आगामी या़त्रा के लिए हकहकूकधरियों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने पगड़ी भेंटकर यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार की जिम्मेदारी दी गयी थी गयी। इसी दिन श्री बदरीनाथ धाम के कपाट के बंद होने के कार्यक्रम के अलावा श्री कुबेर जी श्री उद्धव जी के योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान तथा रावल जी तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी के जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम घोषित किया गया था।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि आज 17 नवंबर रविवार रात्रि को भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के बाद कल सोमवार प्रात:18 नवंबर सोमवार को 10 बजे श्री उद्धवजी श्री कुबेर जी एवं रावल जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी।
श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 19 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी रावल धर्माधिकारी वेदपाठी सहित श्री नृसिह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी। इसके बाद योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो जायेगी।

इससे पहले लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रदीप भट्ट की देखरेख में भगवान बदरीविशाल के खजाने के साथ श्री गरूड़ जी 18 नवंबर सोमवार को श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।

आज श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन कोटद्वार विधायक दिलीप रावत, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती,श्री बदरीनाथ’ केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी संदीप तिवारी मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट अवर अभियंता गिरीश रावत,राजेंद्र सेमवाल,मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, विनोद डिमरी, पीताम्बर मोल्फा,अजीत भंडारी,योगंबर नेगी,अजय सती, अनसूया नौटियाल, दिनेश भट्ट सहित मंदिर समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि,हक हकूहकधारी एवं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहेंगे।










Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Copyright © 2024

To Top