उत्तराखंड

Big breaking :-गुलदारो के हमले, सरकार सतर्क, मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर शासन ने जारी की आदेश

 

मानव वन्यजीव संघर्ष के निवारण के संबंध में।

उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड एक वन बाहुल्य राज्य है, जहां अनेक दुलर्भ वन्यजीव अपने प्राकृतिकवास में रहते हैं। समय-समय पर प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। हाल में मानव वन्यजीव संघर्ष की छ टिनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जिसे रोकने / कम करने हेतु तत्काल प्रभावी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। इस संबंध में दिनांक 15.01.2024 को मा० मुख्यमंत्री जी के स्तर पर समीक्षा के उपरान्त मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया इस संबंध में तत्काल निम्नानुसार प्रभावी कदम उठाने / कार्यवाही करना सुनिश्चित कराने का कष्ट करें – –

 

 

1. वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों / मानव वन्यजीव संघर्ष के दृष्टिगत संवेदनशील चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से जो आबादी से लगे हों, में नियमित रूप से गश्त बढ़ाई जाये। गश्त के दौरान स्थानीय निवासियों से भी नियमित जन संपर्क किया जाये तथा उनको वन्यजीवों से सुरक्षा के उपायों के विषय में जागरूक किया जाये।

2. प्रदेश में स्थापित मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण टोल फ्री हेल्पलाईन नम्बर 18008909715 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।

3. किसी भी आबादी क्षेत्र में वन्य प्राणियों की उपस्थिति की जानकारी होने पर इस हेतु प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड के पत्र संख्या 203 /6-28. दिनाक 27 जुलाई 2022 द्वारा निर्गत मानक संचालन विधि के अनुसार तत्काल कार्यवाही की जाये।

4. किसी दुर्घटना की जानकारी होने पर वन कर्मियों द्वारा तत्काल मौके पर उपस्थित होकर राहत एवं बचाव की कार्यवाही प्रभावी रूप से की जाये। यदि घटना में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 11 के अन्तर्गत उत्तरदायी वन्यजीव को पकड़ने अथवा अन्तिम विकल्प के रूप में नष्ट करने की कार्यवाही अपेक्षित हो तो इस हेतु प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड के पत्र संख्या 179/6-28. दिनाक 25 जुलाई 2022 तथा पत्र संख्या 1718/6-18, दिनांक 27 दिसम्बर, 2023 द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपेक्षित कार्यवाही की जाय।

5. देय अनुग्रह राशि का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र किया जाये। इस हेतु सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगे।

 

वनकर्मियों द्वारा गश्त तथा अन्य समुचित कार्यवाही की समीक्षा सहायक वन संरक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, वन संरक्षक एवं मुख्य वन संरक्षक के स्तर पर नियमित रूप से की जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।

7. मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण हेतु मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से भी जन मानस में, ऐसी घटनाओं से बचाव हेतु अपेक्षित कार्यवाही के विषय में व्यापक अभियान संचालित किया जाये।

8. प्रत्येक ऐसी घटना की विधिवत समीक्षा की जाये तथा किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही परिलक्षित होने पर ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

9. प्रदेश में वन्यजीवों की आबादी का आंकलन उनकी धारण क्षमता के अनुरूप किया जाये तथा यदि अपेक्षित हो तो कुछ वन्यजीवों को अन्य स्थानों / राज्यों में भी ट्रांसलोकेट करने की संभावना का भी परीक्षण किया जाये।

10. इस सम्बन्ध में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) द्वारा समय-समय पर समीक्षा करते हुए शासन को अवगत कराया जाएगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Copyright © 2024

To Top