आईपीएस में चयनित होने पर कुहू गर्ग ने अपने माता पिता की एक भूमिका बताई है साथ ही उन्होंने बताया कि अपने पिता कि राह पर चलते हुए उनकी प्राथमिकता अपराध को कम करने कि रहेगी
वहीँ आईएएस और आईपीएस जैसे सिविल सर्विस देने वाले अभ्यर्थियों को कुहू ने सलाह भी दी है कि आखिर किस तरह भारत के सबसे मुश्किल परीक्षा को वह पास कर सकते हैँ
देहरादून उत्तराखंड के डीजीपी रह चुके अशोक कुमार की पुत्री कुहू गर्ग अपने प्रथम प्रयास में ही आईपीएस अफसर बन गई है उन्हें 178 वी रैंक मिली है
करीब दो वर्षों की कठिन तैयारी में ही कुहू गर्ग ने यह स्थान हासिल कर लिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है की 6 वर्षों तक भारतीय बैडमिंटन टीम में सीनियर और जूनियर में खेल चुकी कुहू के पास 20 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मेडल भी है और कुहू देश की पहली ऐसी महिला आईपीएस होगी
जिन्होंने इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है उनके पिता अशोक कुमार उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं देने के साथ-साथ राज्य के डीजीपी भी रहे हैं और उनके कार्यकाल में भी कई महत्वपूर्ण काम हुए जिसमें पुलिस बल के आधुनिकीकरण से लेकर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की कई बड़ी मिसाल हैं
