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Big breaking :-नियो मेट्रो की उम्मीद टूटी, हरिद्वार के साथ दून में भी अब पॉड कार चलेगी

 

नियो मेट्रो की उम्मीद टूटी, हरिद्वार के साथ दून में भी अब पॉड कार चलेगी

मुख्य सचिव ने नियो मेट्रो की कम संभावनाओं के बीच पॉड कार को लेकर सर्वेक्षण करने को कहा। पहले यूकेएमआरसी ने दून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर मुहर लगाने के बाद सरकार ने केंद्र को भेज दिया था। लंबे समय से केंद्र सरकार ने इस पर कोई सहमति नहीं भेजी है।

सरकार नियो मेट्रो पर केंद्र से हरी झंडी मिलने की कम संभावनाओं के बीच हरिद्वार के साथ दून में भी पॉड कार यानी पीआरटी सिस्टम लाएगी। इसके लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) को सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है।

मंगलवार को मुख्य सचिव डॉ. संधू ने रैपिड ट्रांजिट संबंधी बैठक ली। इसमें यूकेएमआरसी ने दून में 2022 करोड़ की लागत से 18 किमी रोपवे, 1778 करोड़ की लागत से 25 किमी एलिवेटेड बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) का प्रस्ताव दिया, जिसे मुख्य सचिव ने अव्यवहारिक बताया।

तीसरा विकल्प दून में 1753 करोड़ की लागत से 25 किमी पीआरटी का आया। यूकेएमआरसी के एमडी जितेंद्र त्यागी ने इसके लिए हीथ्रो एयरपोर्ट की अल्ट्रा पीआरटी और यूनिवर्सिटी ऑफ मैडसर सिटी पीआरटी का उदाहरण दिया। मुख्य सचिव ने इस पर सहमति जताते हुए देहरादून में पॉड कार संचालन को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए।
नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार
एमडी त्यागी ने अमर उजाला को बताया कि अब देहरादून में भी 25 किमी पीआरटी को लेकर सर्वे कराया जाएगा। गौरतलब है कि पहले यूकेएमआरसी ने दून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर मुहर लगाने के बाद सरकार ने केंद्र को भेज दिया था। लंबे समय से केंद्र सरकार ने इस पर कोई सहमति नहीं भेजी है। बैठक में सचिव आवास एसएन पांडेय, निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन समेत एमडीडीए के अधिकारी भी मौजूद रहे।

हरिद्वार पीआरटी बनाने को नहीं मिली कंपनी, अब हैम मॉडल
हरिद्वार पीआरटी बनाने के लिए यूकेएमआरसी ने निविदा निकाली लेकिन अब तक कोई कंपनी सामने नहीं आई। अब तय किया गया है कि हरिद्वार व दून पीआरटी का निर्माण हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल (हैम) के तहत करेगी। इसमें सरकार डेवलपर को परियोजना में होने वाले खर्च का 40 फीसदी भुगतान कार्य प्रारंभ होने से पहले ही कर देती है। जबकि बाकी 60 फीसदी राशि डेवलपर को खुद लगानी होती है। 15 साल बाद अगर डेवलपर को लगा कि ये घाटे का सौदा है तो सरकार उसका संचालन अपने हाथ में लेते हुए बाकी की 60 प्रतिशत धनराशि प्रतिवर्ष 80 से 100 करोड़ डेवलपर को लौटा देगी।

पॉड कार

पॉड कार उन इलाकों के लिए यातायात का सबसे सही साधन है, जहां काफी भीड़भाड़ हो और जमीन पर ट्रैफिक के लिए और साधन बनाने की जगह न हो। यूरोपीय देशों का यह एक पसंदीदा साधन है। एक पॉड टैक्सी में 4 से 6 लोग आराम से बैठ सकते हैं और इसे चलाने के लिए ड्राइवर की जरूरत भी नहीं होती है।

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