रिपोर्ट : राहुल बहल
ढालीपुर और ढकरानी से हैरान कर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं। जहाँ रात के अंधेरे में आरबीएम के लिए यमुना नदी का जेसीबी से सीना चीरा जा रहा है। यह हालत तब हैं, जब देवभूमि उत्तराखंड में यमुना और गंगा जैसी नदियों को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया गया है। रात होते ही घुप अंधेरे के बीच डंपर और जेसीबी की लाइटों से यमुना नदी जगमगा उठती है, लेकिन नदी में चल रहे अवैध खनन के इस मेले पर जिम्मेदारों ने खामोशी साधी हुई है। रात दिन गश्त करने वाले जिला खान अधिकारी और उनकी टीम की कार्यशैली पर यहाँ तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके चलते धामी सरकार के जीरो टॉलरेंस के नारे को भी ठैंगा दिखाया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो ढालीपुर-ढकरानी से कैंचीवाला स्थित तमाम क्रेशर प्लांट को RBM मुहैया कराये जाने को लेकर ये सारा खेल चल रहा है। आरबीएम ढुलान की जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति ने ली हुई है जिसका वर्षों से अवैध खनन से गहरा नाता रहा है।
आप देख सकते हैं कैसे नियमों को ताक पर रखकर रात के अंधेरे में कई जेसीबी मशीनों को यमुना नदी में उतारा गया है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि अधिकांश डंपर बिना रवन्ने के RBM को ओवरलोड तरीके से ढालीपुर और ढकरानी से कैंचीवाला तक पहुंचा रहे हैं जिसके एवज़ में वाहन स्वामियों से प्रति चक्कर पर ₹1400 तक अलग से वसूले जा रहे हैं पूरे खेल को लेकर अलग-अलग ऑडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिन्हें जल्दी ही अलग से प्रकाशित किया जायेगा बहरहाल हमारे हाथ लगी इन ऑडियो और वीडियो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात के अंधेरे में यमुना नदी में किस स्तर पर लूटमार मची हुई है और जिम्मेदार अपने एयर कंडीशनिंग घरों में आराम से चैन की नींद सो रहे हैं।
