रिपोर्ट : राहुल बहल
सरकारी विभागों की लापरवाही का आलम कुछ ऐसा है कि जब तक इनके खिलाफ़ हल्ला ना बोला जाए, तब तक इनके कान पर जूं भी नहीं रेंगती, उदाहरण के लिये डाकपत्थर बस अड्डे के पास फूटी हुई इस पेयजल की लाइन को ही देख लीजिए, दो महिने से ये लाइन यहाँ फूटी हुई है, लेकिन मजाल है किसी कि कोई जिम्मेदार यहाँ झांक कर भी देख ले, जानकारी के अनुसार पेयजल की ये लाइन जल संस्थान की बताई जा रही है। गर्मियों के दिनों में जहाँ कई इलाकों में बूंद बूंद पानी के लिये मारामारी रहती है, वहीं विभागीय लापरवाही के चलते डाकपत्थर में अब तक हजारों लीटर पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो किया जा चुका है, बेहद व्यस्ततम सड़क पर बहता ये पानी लोगों की आवाजाही में भी परेशानीयां खड़ी कर रहा है। पैदल चलने वाले राहगीर विशेषकर स्कूली बच्चे बमुश्किल बच बचाकर यहाँ से गुजर रहे हैं, दूर तक इस पानी से कीचड़ और गंदगी पनप रही है, साथ ही इस समस्या की वजह से सड़क में गड्डे भी हो गये हैं, कोई इस गड्ढे की चपेट में ना आये इस लिये बस अड्डे वालों ने पानी के इस गड्ढे के किनारे-किनारे पत्थर लगाएं हैं, बहरहाल डाकपत्थर बस अड्डे पर बसें धोने के काम आ रहा सड़क पर बह रहा ये पानी।
